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पैकेजिंग टिप्स​

​पार्सलों का गट्ठर बनाना

  1. एक पार्सल को आदर्शतः पर्याप्त रूप से सशक्त आवरण में लिपटा व एक मजबूत पेटी में पैक या इस तरह से ढक्कन-बंद होना चाहिए ताकि इसकी अन्दरूनी वस्तुएँ खोयें या क्षतिग्रस्त नहीं हों, इन्हें किसी छेड़छाड़ से बचाया जा सके और इस कारण से अन्य डाक-विषयक वस्तुओं को किसी​ तरह की सम्भावित क्षति से सुरक्षित भी रखा जा सके। यदि एक पार्सल में कपड़े या ऊनी वस्तुएँ हों तो इसे एक मज़बूत आवरण में पैक करके उसे एक मोटे गत्ते या कपड़े के अन्दर लपेट देना चाहिए। परामर्श दिया जाता है कि पार्सल में पैक की जा रही वस्तु की प्रकृति के अनुसार ही पैक करने के लिए एक ऊनी अथवा एक मोटे गत्ते का आवरण प्रयोग में लाया जाए।
  2. द्रव और आसानी से द्रवित होने वाली वस्तुओं को द्विस्तरीय आधान (पात्र) या आवरण के अन्दर रखा जाना चाहिए। प्रथम आधान (बोतल, टॉल्क्स, पेटी आदि) और द्वितीय आधान (जिसे धातु या सख्त लकड़ी की पेटी होना चाहिए) के बीच लकड़ी के बुरादे, भूसी या किसी अन्य अवशोषक पदार्थ को पर्याप्त मात्रा में भरे जाने के लिए कुछ जगह छोड़ा जाना चाहिए ताकि किसी तरह के टूटन द्वारा होने वाले सम्पूर्ण द्रव-रिसाव को अवशोषित किया जा सके।
  3. जीवित मधुमक्खियों को डाक द्वारा एक स्थान से दूसरे स्थान पर भेजने के दौरान उचित आवरणों में बंद करना चाहिए और इस तरह से पैक करना चाहिए कि अन्य डाक-पदार्थों या डाक-कार्यालय के अधिकारियों को चोटिल हाने के सभी ख़तरों से सुरक्षित किया जा सके।
मानव व अन्य बड़े आंतरिक अंग​

मानव व अन्य बड़े आंतरिक अंगों को विश्लेषण के लिए रसायन परीक्षकों के पास अन्तर्देशीय डाक द्वारा पहुँचाया जा सकता है। पागल या उग्र जानवरों के मस्तिष्क भी डाक द्वारा अधिकृत प्रयोगशालाओं को भेजे जा सकते हैं यदि वे पशु-चिकित्सा विषयक या औषधीय योग्यताधारी व्यक्तियों द्वारा भेजे गए हों।

प्रत्येक स्थिति में निम्न शर्तें लागू होती हैं :

  1. परीक्षण के लिए भेजे जाने वाले संदेहास्पद चिपचिपे या अन्य पदार्थ एक काग अथवा गहरे कार्क के माध्यम से अवरुद्ध शीशे के बोतल या जार में बंद होने चाहिए।
  2. अतीव सतर्कता के साथ यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि बोतल का काग अथवा कार्क कसकर जाम हो। यह सावधानी ख़ासतौर पर तब आवश्यक है जब एल्कोहल को परिरक्षक के रूप में प्रयोग में लाया गया हों। ऐसी स्थितियों में बोतल के किनारे पर मधु-मोम या मोमबत्ती के मोम का एक छल्ला बना देना चाहिए जिससे कि काग का स्कंध ढँका सके। काग को सावधानीपूर्वक झिल्ली के थैले अथवा चमड़े के साथ जाम करके कसकर बंद कर देना चाहिए।
  3. शीशे की बोतल अथवा जार को भेजते समय एक ऐसी मज़बूत लकड़ी अथवा टिन की पेटी में रखा जाना चाहिए, जो कि बोतल अथवा जार और पेटी के बीच कम से कम अठारह मिलीमीटर की मोटाई के कच्चे कपास की एक परत को समायोजित कर सकने के लिए पर्याप्त आकार की हो।
  4. पेटी खुद भी एक कपड़े में लिपटी होनी चाहिए, जो सुरक्षित ढंग से बंद व मोहरों द्वारा संरक्षित हो। मोहरें हरेक सीवन के समानान्तर तीन इंच से ज़्यादा दूरी पर न हों। सभी मोहरें एक ही प्रकार के मोम की और एक ही उपकरण की विशिष्ट छाप वाली होनी चाहिए। वह उपकरण एक वर्तमानकालीन सिक्के का अथवा सीधी, वक्र या तिरछी रेखाओं की मात्र एक श्रृंखला वाला नहीं होना चाहिए।
संक्रामक कोशिका-जीवाणु समूह व गंभीर गिल्टी रोग के बीजाणु का टीका
  1. कोशिका-जीवाणु समूह अथवा ज्ञात या संक्रमण हेतु जीवित रोगाणु धारण करने के लिए प्रचलित अन्य वस्तुएँ निम्न शर्तों के आधार पर अन्तर्देशीय डाक द्वारा पहुँचायी जा सकती हैं :
    1. ऐसे कोशिका-जीवाणु समूह अथवा अन्य पूर्वोक्त वस्तुएँ भेजने के लिए तब तक स्वीकार नहीं की जायेंगी, जब तक कि वे एक आयोग द्वारा निर्धारित अधिकारी, एक सैन्य सहायक शल्य-चिकित्सक अथवा कलकत्ता, पंजाब, चेन्नई या मुम्बई विश्वविद्यालय द्वारा प्रदत्त एल.एम.एस. की उपाधि के समकक्ष या उच्च अर्हताधारी एक व्यावसायिक चिकित्सक या केन्द्र सरकार या एक राज्य सरकार द्वारा ऐसे कोशिका-जीवाणु समूह या अन्य वस्तुओं को भेजने के लिए अनुमति-प्रदत्त व्यक्ति द्वारा न भेजी गयी हों तथा एक सरकारी प्रयोगशाला अथवा केन्द्र या एक राज्य सरकार द्वारा ऐसे कोशिका-जीवाणु समूह अथवा अन्य वस्तुओं को स्वीकृत करने के लिए अनुमति-प्रदत्त एक व्यक्ति का नामोल्लेख न हो।
    2. ऐसी कोशिका-जीवाणु समूह अथवा अन्य पूर्वोक्त वस्तुएँ सावधानीपूर्वक एक वायुरोधी थैले में संरक्षित होनी चाहिए और ये थैला भी, आन्तरिक व वाह्य पेटी के बीच कम से कम अठारह मिलीमीटर के कच्चे कपास या ऊन की एक परत के साथ, मजबूत लकड़ी अथवा टिन की एक द्विपरतीय पेटी के अन्दर रखा होना चाहिए।
    3. वाह्य आवरण एक मोटे कपड़े से घिरा होना चाहिए जो कि सुरक्षित रूप से बँधा हो, मोहरों द्वारा संरक्षित हो और उस पर विशिष्ट उत्कीर्ण (अंकित) शब्दों की एक ऐसी नामपर्ची चस्पा हो जो कि अन्तर्वस्तु की प्रकृति के विषय में तत्काल ही पर्याप्त सूचना उपलब्ध करा दे।
    4. प्रेषक को अन्तर्वस्तु की प्रकृति के सम्बंध में एक घोषणा और स्वयं द्वारा हस्ताक्षरित इस आशय के एक सनद के साथ पार्सल को डाकघर में प्रस्तुत करना चाहिए कि उसने अपनी प्रेषित वस्तु के प्राप्तकर्ता को आधिकारिक रूप से निर्दिष्ट किया है और यह कि ऐसा प्राप्तकर्ता, यदि पार्सल एक सरकारी प्रयोगशाला को निर्दिष्ट नहीं है तो, केन्द्र या एक राज्य सरकार द्वारा ऐसे कोशिका-जीवाणु समूह अथवा अन्य वस्तुओं को स्वीकृत करने के लिए विशेष तौर पर अनुमति-प्रदत्त है। इसके अतिरिक्त, उस सनद को अपने सम्मुख भाग पर ही ये दर्शाना चाहिए कि प्रेषक शर्त (अ) के अर्थ में ही ऐसे कोशिका-जीवाणु समूह अथवा अन्य वस्तुओं को प्रषित करने के लिए एक अधिकृत व्यक्ति है।
  2. गंभीर गिल्टी रोग के बीजाणु के टीके की बोतलें केन्द्र या राज्य सरकारों द्वारा ऐसी वस्तुएँ प्रेषित या स्वीकृत करने के लिए और (ब), (स) व (द) में निर्धारित शर्तों के तहत अनुमति-प्रदत्त प्रयोगशालाओं को डाक द्वारा संप्रेषित की जा सकती है।
क्षयरोग बलगम

संक्रामक क्षयरोग बलगम डाक द्वारा निम्न शर्तों के तहत एक स्थान से दूसरे स्थान तक पहुँचाया जा सकता है :

  1. यह कि बलगम के नमूनों व अन्य क्षयरोग पदार्थों को प्राप्त करने हेतु सरकार से ऐसे पदार्थौं को प्राप्त करने के लिए विशेषतौर पर अनुमति प्राप्त होना चाहिए।
  2. यह कि वह पदार्थ छलकाव-रोधी काँच धातु या मोम-पत्र से निर्मित ऐसे पात्र में रखा हो जो कि एक टिन या लकड़ी की मजबूत पेटी में सुरक्षित तौर पर पैक हो। पेटी के अन्दर पेटी व पात्र के बीच 3/4 इंच मोटाई की कच्चे कपास की एक परत होनी चाहिए। पेटी समुचित रूप में मोहरों के माध्यम से संरक्षित होनी चाहिए।
  3. पेटी एक मोटे कपड़े से घिरी होनी चाहिए जो कि सुरक्षित रूप से बँधी हो, मोहरों द्वारा संरक्षित होनी चाहिए और उस पर विशिष्ट उत्कीर्ण (अंकित) शब्दों की एक ऐसी नामपर्ची चस्पा होनी चाहिए जो कि अन्तर्वस्तु की प्रकृति के विषय में तत्काल ही पर्याप्त सूचना उपलब्ध करा दे।
तीव्र गंध वाली वस्तुएँ

तीव्र गंध वाली वस्तुएँ (जैसे हींग) मोहरों के ज़रिए एक वायुरोधी टिन या अन्य धातु से बनी पेटी में बंद होनी चाहिए।

  1. १. सैलूलॉयड की पतली कच्ची परत या निर्मित परत के एक द्विस्तरीय आधान (पात्र) में पैक किया जायेगा, ऐसी वस्तुएँ सर्वप्रथम सैलूलॉयड निर्मित बॉक्स में अथवा पूर्णतया या आंशिक रूप से सैलूलॉयड से निर्मित किसी वस्तु में बन्द की जाएंगी फिर टिन, गत्ता या लकड़ी की बनी किसी पेटी में, अन्तर्वस्तुओं के किसी तरह के आवागमन को अवरुद्ध करने के लिए खाली जगह को पूर्णतः बंद करते हुए रखी जाएंगी। इसके बाद इस पेटी के चारों तरफ पर्याप्त मात्रा में मुलायम पदार्थ लपेट दिया जायेगा और इसे कम से कम १० मिलीमीटर (३/८ इंच) की मोटाई की पट्टियों से बनी लकड़ी की एक पेटी के अन्दर रख दिया जायेगा, जिसकी फलकें कबूतर के आकार में होंगी, आधार और ढक्कन फलकों के साथ सख्तीपूर्वक पेंचों के माध्यम से कस दिये जायेंगे, बीच में पड़ने वाली कोई भी जगह अतिरिक्त भराव पदार्थों से पूर्णतया भर दिया जायेगा ताकि अन्दरूनी आधान (पात्र) सख्ती के साथ अपनी जगह पर बना रहे और किसी तरह की खड़खड़ाहट से बचा रहे। पार्सल के पते वाले फलक पर भारी काले अक्षरों में लिखी एक सफेद नोटपर्ची चस्पा होनी चाहिए।
  2. अज्वलनशील या ‘‘सुरक्षा’’ चलचित्रक पन्नियों (फिल्मों) के मामले में, प्रत्येक पार्सल के बाहरी फलक पर स्पष्ट काले अक्षरों में ‘‘सुरक्षा पन्नियाँ - अज्वलनशील’’ लिखे शब्दों वाली एक नोटपर्ची चस्पा होनी चाहिए। ऊपर वर्णित उप-वाक्य (1) में चर्चित ज्वलनशील पन्नियों आदि के बण्डल बाँधने से सम्बंधित प्रावधान अज्वलनशील पन्नियों के बण्डलीकरण पर लागू नहीं होंगे।
​ऑस्मिक अम्ल

ऑस्मिक अम्ल (ऑस्मियम टेट्रॉक्साइड) को अन्तर्देशीय डाक द्वारा एक स्थान से दूसरे स्थान तक निम्न शर्तों के आधार पर पहुँचाया जा सकता है :

  1. वह अम्ल मोहरों द्वारा संरक्षित काँच की एक वायुरोधी संपुटिका (कैप्सूल) के अन्दर बंद होना चाहिए। यह संपुटिका टिन की एक ऐसी पेटी के केन्द्रीय भाग में जड़ी होनी चाहिए जिसमें बालू इस ढंग से भरी हो कि काँच संपुटिका के किसी भाग व टिन-पेटी की अन्दरूनी सतह के बीच कम से कम 4.3 सेंटीमीटर मोटाई की बालू की एक परत बन जाये।
  2. टिन पेटी की बाहरी सतह पर एक इंच की चौथाई ऊँचाई के लाल अक्षरों में ‘‘सँभालने में भयावह ऑस्मिक अम्ल’’ अंकित एक नामपर्ची चस्पा होनी चाहिए।
  3. टिन पेटी राँगे के टाँके से स्थिर और लकड़ी के पर्याप्त रूप से मज़बूत वाह्य आवरण के भीतर होना चाहिए। टिन पेटी के वाह्य व लकड़ी की पेटी के आन्तरिक सतह के मध्य कच्चे कपास या ऊन की कम से कम 2.5 सेंटीमीटर मोटाई की एक परत बननी चाहिए।
  4. लकड़ी की पेटी की बाहरी सतह पर लाल अक्षरों में ‘‘ऑस्मिक अम्ल’’ की एक नामपर्ची चस्पा होना चाहिए।.
  5. प्रत्येक संपुटिका में अम्ल की मात्रा दो ग्राम से अधिक और प्रत्येक पार्सल में संपुटिका की संख्या एक से अधिक नहीं होनी चाहिए।
सुगंधित द्रव

सुगंधित द्रव (इत्र), यद्यपि कुछ मामलों में 35.6 C (96 F) या इससे कम स्फुरांक (flash point) और 60 यू.पी. से अधिक क्षमता वाला एक मादक सौन्दर्य प्रसाधन, निम्न शर्तों के अधीन अन्तर्देशीय डाक द्वारा एक स्थान से दूसरे स्थान तक पहुँचाया जा सकता है :

  1. सुगंधित द्रव (इत्र) को एक ऐसी काँच की बोतल में भरा जाना चाहिए जिसका मुँह डाट द्वारा बंद हो और उसे एक थैली के अंदर सीलबंद किया गया हो। इसके पश्चात् काँच की बोतल को गत्ते की एक पेटी के अन्दर मुलायम पदार्थों से बनी गद्दी के बीच बंद किया गया हो।
  2. गत्ते की पेटी के चारों तरफ मजबूत कागज लिपटा हो और बाहर से तह किये हुए कागज व लकड़ी के छीलन से भरी लकड़ी की पेटी हो।
  3. लकड़ी की पेटी की बाहरी सतह पर लाल अक्षरों में ‘‘सुगंधित द्रव - आग से दूर रखें’’ की एक नामपर्ची चस्पा होनी चाहिए।

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​​पिछला अपडेट: 23 अप्रैल 2019