११ स्मारक टिकटों पर
' दसावतार '
पर आधारित जयदेव का दसावतार जुलाई में जारी, २००९
संत कवि जयदेव द्वारा गीता गोविंदा १२ वीं सदी ईस्वी में संस्कृत में एक अनूठा काम है, और पिछले नौ सदियों से साहित्यिक और कलात्मक प्रेरणा का एक बड़ा स्रोत रहा है । यह आधुनिक भारतीय भाषाओं और कई विदेशी भाषाओं के रूप में अच्छी तरह का सबसे में अनुवाद किया गया है । जयदेव ने ' दसावतार ' को लोकप्रिय बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, जो कि टिकटों की विषयवस्तु है ।
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